181
जो निभा दे साथ जितना
उस साथ का भी शुक्रिया
छोड दे जो बीच में
उस हाथ का भी शुक्रिया
182
इसी का नाम जिन्दगी है
कुछ थमें हुए तूफाँ, कुछ मदम सी बरसात
कुछ सुकून भरी यादें, कुछ दर्द भरे लम्हात
183
ख्वाब से अब जरा जगने लगा हूँ
जिंदगी को बेहतर समझने लगा हूं।
थक जाता हूं अक्सर अब शोर से,
खामोशियों से बातें करने लगा हूँ।
184
ऐ ज़िदगी
मैं इंसान हूँ पत्थर नहीं,
तू बेवजह सताया न कर,
जान माँग ले बस एक बार वो भी दे देंगे,
लेकिन बार बार मुझे तू आज़माया न कर
185
वक्त के सैलाब में जाने क्या-क्या बह गया।
अपनी-अपनी मंज़िलें हैं अपने-अपने रास्ते,
कोई आगे बढ़ गया, तो कोई पीछे रह गया,
कट गया कितना सफर और कितना बाकी रह गया।
- Shiqurdu is a collection of thoughts. Although an odd-sounding name felt appropriate for the collection.
- These are simplified quotes in Hurdu (Hurdu being a mix of Hindi and Urdu akin to Hinglish i.e., Hindi and English). Although in some cases the language has been simplified attempt has been made to retain the thought and the poetic flavor.
- These thoughts have been picked up from various publications. Credit goes to all the original writers who penned down these deep-meaning messages.
Comments and value additions are most welcome
For regular updates, please register here
https://55nda.com/blogs/anil-khosla/subscribe/
Thanks for sharing these thoughts. Words really speak.
Regards.
Deep meaning
Wonderful. Hope more will follow
Reaching 200 mark.
will compile and make a booklet.
Thanks
Thanks for the encouragement